आँखों में आँसू नहीं आते
क्योंकि मैं जानता हूँ
तुम लौटकर आओगी ज़रूर
यह दिल तन्हा कहाँ है
इसमें यादें हैं तुम्हारी
तुम रहो कितने भी दूर
देखता हूँ तुम्हें
जब भी आँखें मूँद लेता हूँ
और कोई कहाँ है इनमें हुज़ूर
तुमसे प्यार किया है
यह दिल का सौदा है तुम्हीं से
क्यों न रहूँ थोड़ा मग़रूर
पास आने के दिन आ गये
धड़कनों में बेक़रारी है
दिल में सुरूर ही सुरूर
वादियों में चले मौसम हरे
डालियों पर फूल गुलाबी हैं
निगाह में भर गया है नूर
जादू-सा है फ़िज़ाओं में
खिल रहे हैं ख़्याल हर-सू
क्यों न आये तुम्हारा मज़कूर
दिल बहलता नहीं बातों से
यह कैसा सिलसिला है
चैन आये गर आये वह हूर
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००३
2 replies on “आँखों में आँसू नहीं आते”
vadiyon me chale mosam hare
daliyon par phool gulabi hain
ye line kuch aur sunder ban padti
bahut hi accha ho jata phir bhi bahut acchi lagi
thanks for coming on weblog… and giving valuable suggestion… Happy Holi!