भीगी हुई आँखों में तस्वीर तुम्हारी है
रूठी हुई हमसे तक़दीर हमारी है
मैं दिवाना राहे-इश्क़ का मुसाफ़िर हूँ
मेरे पाँव में पड़ी ज़ंजीर तुम्हारी है
मैं तेरे लिए अपनी जान तलक दे दूँगा
मैं तेरा राँझणा और तू हीर हमारी है
एक दिन तुमको मुझसे प्यार करना है
मेरे हाथों में प्यार की लक़ीर तुम्हारी है
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००४
19 replies on “भीगी हुई आँखों में तस्वीर तुम्हारी है”
“किस घडी किस पल ख्याल तुमाहरा नही
मेरी सांसो से जुड़ी हर बात तुम्हारी है ”
Regards
बहुत सुन्दर गीत है।बधाई।
vinaya prajapati ji
aapki rachana pasand aayeen hai. ise ratlam, jhabua(M.P.), Dahood(gujarat) se prakashit danik prasaran mai prakashit karane ja raha hoon.
kripaya, aapkra postal address mere mail par sen karen, taki aapko prati post ki ja saken.
thanks
pankaj vyas
[email protected]
मैं दिवाना राहे-इश्क़ का मुसाफ़िर हूँ
मेरे पाँव में पड़ी ज़ंजीर तुम्हारी है
बहुत लाजवाब विनय भाई
बहुत सुंदर.
धन्यवाद
मैं दिवाना राहे-इश्क़ का मुसाफ़िर हूँ
मेरे पाँव में पड़ी ज़ंजीर तुम्हारी है
खूब कहा…वाह.
नीरज
बहुत सुन्दर लिखा है।
देरी से आने के लिए मुआफी दोस्त… मगर बहोत ही खुबसूरत लिखा है आपने बेहद उम्दा लिखा है आपने हमेशा की तरह… ढेरो बधाई आपको…
अर्श
भीगी हुई आँखों में तस्वीर तुम्हारी है
रूठी हुई हमसे तक़दीर हमारी है
Bahut sach aur sundar abhivyakti….shubhakaamnaayen.
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, आगे भी अपना प्रेम बनाये रखें!
विनय प्रजापति जी,
आपकी कविता बहुत बढीया है। दमदार कविता
और मैने आपका कवालीफीकेसन वाला साईट भी देखा बहुत बढीया।
बहुत सारे कोर्स कीये हैं आपने।
बहुत जानकारीयां हैं आपकेपास।
सुन्दर लिखा है।
bahut khoobsurat rachna hai bhai
gham-e-rozgar ka maara hoon huzoor isliye aajkal aa nahi pata jyada
aap kahiye kaise mijaaz hain
रोहित साहन सब आप की दुआ है! ज़िन्दगी ग़ुज़र रही है! आपकी रचनाएँ पढ़ता हूँ तो सुकून आता है वरना तो यहाँ सब चार ग़ज़ल सुन-पढ़के पोस्टमर्टम पेश करते हैं! बड़ा दुखता है दिल!
badiya hai
AAP KE ALFAZ KUCH YOON NAJAR AATE HAI
PADHNE PAR SEEDHA DIL MEIN SAMATE HAI
HAMKO BHI AATA HAI RAHE_ISQ SAMAJHNA
HAM BHI KUCH SABDO PEHCHAN RAKHTE HAI
AAP GAUR SE DEKHE AAP KE HAATHO SE LIKHI KAVITA MEIN
SAMAJHNE KI TAUFIQ HAMARI HAI
vishrant thanks.. & ashwani spammers are not allowed, so be careful next time!
great yaar….really…touch to heart,plz carry on n do more work on emotions.(it is just suggetion)
@sandeep, thanks for remark.