सुबह एक सफ़्हा, शाम एक सफ़्हा
दिन एक सफ़्हा, रात एक सफ़्हा
ज़िंदगी एक सफ़्हा, साँस एक सफ़्हा
धूप एक सफ़्हा, छाँव एक सफ़्हा
खा़हिश एक सफ़्हा, आरज़ू एक सफ़्हा
खा़ब एक सफ़्हा, आँख एक सफ़्हा
बहार एक सफ़्हा, पतझड़ एक सफ़्हा
झूठ एक सफ़्हा, सच एक सफ़्हा
सूरज एक सफ़्हा, चाँद एक सफ़्हा
ग़ज़ल एक सफ़्हा, गीत एक सफ़्हा
खा़मोशी एक सफ़्हा, हँसी एक सफ़्हा
आँसू एक सफ़्हा, खु़शी एक सफ़्हा
दिल एक सफ़्हा, धड़कन एक सफ़्हा
जिस पर तेरी तस्वीर बनी है,
जिस पर तेरा नाम लिखा है…
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००४