तू ही जाने क्या तेरी ज़िन्दगी का मानी है
मैं इतना ही जानूँ बस तू मेरा सानी है
एक तेरी ही रोशनी है मेरे दिल में
इसके अलावा दुनिया में सब फ़ानी है
देखता हूँ जब भी तो मुझको लगता है
आने वाली हर शाम एक तस्वीर पुरानी है
गया जब तू मेरा सब कुछ साथ ले गया
ये दर्द ही बाक़ी एक तेरी निशानी है
गिरते हैं सूखे पत्ते पेड़ों की डालों से
तेरा ख़याल है जब तक रुत सुहानी है
देखा जो ज़माने ने वही सच होगा जाने दो
तेरी आँखों मैकदा मेरी आँखों में पानी है
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’