Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.
इंशा अल्लाह ज़रूर पूरी होगी, मगर है क्या? कुछ पता तो चले!
मैं तो दोस्त बस सबको दुआऐं ही देता हूँ और यही दुआ कबूल हो कि सब इस छोटी सी ज़िन्दगानी को जीयें भरपूर।
रमेश
बाबा के चमन की ख्वाहिश ये के
सभी गुल पर बहार आये
ना हो कोई महज़ तन्हा ग़म
बस ऐसी ही बहार आये।
रमेश
choti si bahut achhi.
@रमेश, आप ने जो पंक्तियाँ प्रस्तुत की हैं वह सचमुच एक दुआ है, सच्ची दुआ!
@महक, धन्यवाद!
हर इक शै पर बहार आये
दिल को जोड़ती जो हो
ना हो रुसवाई का आलम
सिर्फ प्यार की ही खुशुबू
और वो शामे-बहार आये
रमेश
रमेश, क्या आपका अपना कोई ब्लॉग है, यदि हाँ तो लिंक दे!
धन्यवाद विनय तुमने शुरुआत ही इतनी बढ़िया दुआ से की कि…..
रमेश
कि…. अधूरा वाक्य है पूरा करोगे क्या?
कि……मुझसे रहा ही ना गया कि लिखता ही गया। दोस्त मेरा कोई ब्लाग नही है बस जहाँ कुछ अच्छा दिल को छू जाने वाला पढ़ने को मिलता है दाद देता हूँ कि ऐसे अच्छे इन्सान भी बनाये हैं उस खुदा ने इस जहाँ में…..विनय भाई जैसे…
13 replies on “मैं जब दुआ करूँ”
आमीऩ। शुक्रिया। खुशामदीद दोस्त
रमेश
शुक्रिया दोस्त!
आमीन मेरी भी दुआ कबूल हो मेरे दोस्त खुशामदीद!
रमेश
इंशा अल्लाह ज़रूर पूरी होगी, मगर है क्या? कुछ पता तो चले!
मैं तो दोस्त बस सबको दुआऐं ही देता हूँ और यही दुआ कबूल हो कि सब इस छोटी सी ज़िन्दगानी को जीयें भरपूर।
रमेश
बाबा के चमन की ख्वाहिश ये के
सभी गुल पर बहार आये
ना हो कोई महज़ तन्हा ग़म
बस ऐसी ही बहार आये।
रमेश
choti si bahut achhi.
@रमेश, आप ने जो पंक्तियाँ प्रस्तुत की हैं वह सचमुच एक दुआ है, सच्ची दुआ!
@महक, धन्यवाद!
हर इक शै पर बहार आये
दिल को जोड़ती जो हो
ना हो रुसवाई का आलम
सिर्फ प्यार की ही खुशुबू
और वो शामे-बहार आये
रमेश
रमेश, क्या आपका अपना कोई ब्लॉग है, यदि हाँ तो लिंक दे!
धन्यवाद विनय तुमने शुरुआत ही इतनी बढ़िया दुआ से की कि…..
रमेश
कि…. अधूरा वाक्य है पूरा करोगे क्या?
कि……मुझसे रहा ही ना गया कि लिखता ही गया। दोस्त मेरा कोई ब्लाग नही है बस जहाँ कुछ अच्छा दिल को छू जाने वाला पढ़ने को मिलता है दाद देता हूँ कि ऐसे अच्छे इन्सान भी बनाये हैं उस खुदा ने इस जहाँ में…..विनय भाई जैसे…
रमेश