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मेरा गीत

मैं तो दीवाना हूँ

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना

ये’ ये तो लोग हैं
झूठा कहेंगे मुझको
दिल’ दिल से अपने पूछ ज़रा
क्या यह मानेगा?
जो यह कहेंगे मुझको

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना

तेरी आँखें ये जो कुछ कहती हैं
जब प्यार से ज़रा कुछ झुकती है
ये झुकी आँखों की है हया
कि मुझको पता चल गया…
कितना प्यार तू मुझसे करती है
हाँ-जान देती है, मुझसे मरती है…

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
लुट भी जाऊँ तो लूँगा नाम तेरा

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना

हाँ ये प्यार है
मुझको इक़रार है
आ बाँहों में झूम ले
हाथों में हाथ ले…

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना

मेरा क्या नाम है? दीवानों का काम है
अब जो चाहे तू मुझको कहे
तू जो कहे तो चाँद पे तुझको ले चलूँ
मैं’ मैं तो दीवाना हूँ

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना

जाने-अन्जाने हो गया
मुझको तो प्यार हो गया
जादू-सा चल गया
बेक़ाबू दिल गया
तूने ले लिया…
मुझपे एहसान कर दिया

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
लुट भी जाऊँ तो लूँगा नाम तेरा

मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
करता हूँ कुछ काम ऐसे
न करूँ तो पहचानेंगे लोग कैसे

तेरे बिन जिया जाये ना
अब इक पल तेरे बिना रहा जाये ना


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

2 replies on “मैं तो दीवाना हूँ”

“मैं’ मैं तो दीवाना हूँ
लुट भी जाऊँ तो लूँगा नाम तेरा”

प्यार में दीवाने व्यक्ति के मन की स्थिति को बहुत सटीक तरीके से उकेरा गया है.

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