मैं तुमसे प्यार करता हूँ
आज इज़हार करता हूँ
दिल की बात जो में थी
वो आज मैं कहता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
ख़ुशबू उड़ी है बाग़ों में
आने लगी तू ख़ाबों में
तेरे बिना इक पल भी रहना
आसान नहीं है
इश्क़ में जीना इश्क़ में मरना
आसान नहीं है
पाक ताबीज़ें छूकर कहता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
दिल की बात जो दिल में थी
वो मैं आज कहता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
आज इज़हार करता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
प्यार में तेरे आवारा हुआ
इश्क़ में मैं नाकारा हुआ
ढूँढ़ रहा था मैं तुझको
आज मिली हो तुम मुझको
इश्क़ मेरा रंग लायेगा
यार ज़माना झुक जायेगा
दिले-ज़मीं छूकर कहता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२
2 replies on “मैं तुमसे प्यार करता हूँ”
“प्यार में तेरे आवारा हुआ
इश्क़ में मैं नाकारा हुआ
ढूँढ़ रहा था मैं तुझको
आज मिली हो तुम मुझको
इश्क़ मेरा रंग लायेगा
यार ज़माना झुक जायेगा”
भावना से परिपूर्ण अभिव्यक्ति !!
bahut hi acchi shayri hai