मीठी-मीठी बातें
वह शबनमी रातें
सब याद हैं हमें
वह रस्ते वह रिश्ते
जो हमने क़ायम किये थे
वादे जो हमने किये थे
सब वैसे के वैसे हैं
कल के जैसे-
सब कुछ आज है
हम तो चले तेरी डगर
कुछ यादें लिए
कुछ वादे लिए
महकी हवाओं से
बातें करते हुए
हम तो चले तेरी डगर
मीठी-मीठी बातें
वह शबनमी रातें
सब याद हैं हमें
हम तो चले तेरी डगर
हसीन नज़ारें हैं,
अम्बर में सितारे हैं
फिर भी तेरी कमी है
दिल में कोई बात है
उलझे हुए जज़्बात हैं
सुलझायेंगे उनसे मिलके
जो उलझे हुए…
हम तो चले तेरी डगर
कुछ वादे लिए
कुछ इरादे लिए
जाती बहारों से
कुछ सीख लिए
हम तो चले तेरी डगर
मीठी-मीठी बातें
वह शबनमी रातें
सब याद हैं हमें
हम तो चले तेरी डगर
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: १९९८-१९९९
One reply on “मीठी-मीठी बातें”
very nice song…