प्यार का मतलब क्या होता है,
क्या तुमको पता है?
प्यार कोई वादा नहीं है
जो भूल जाओगे तुम
प्यार कोई क़सम नहीं है
जो तोड़ जाओगे तुम
प्यार वह एहसास है जैसे
फूलों में ख़ुशबू
प्यार वह अरमान है जैसे
मारू की जुस्त-जू
प्यार का मतलब क्या होता है,
क्या तुमको पता है?
दिल से दिल का मेल ही
प्यार है
तन से तन की चाहत
प्यार नहीं
ख़ामोश लम्हों की तन्हाई
प्यार है
किसी के आगोश की ख़ाहिश
प्यार नहीं
प्यार का मतलब क्या होता है,
क्या तुमको पता है?
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००२
8 replies on “प्यार का मतलब क्या होता है”
बहुत बढ़िया दी है प्यार की परिभाषा लिखते हैं..
शुक्रिया कुलवंत जी!
PYAR WO HAI JISKE SAHARE HUM YE JIVAN JEETE H,AGAR PYAR NA HO TO JINDAGI BERANG LAGTI H,PYAR KA HONA SATH BAHUT JARURI HOTA H,
JAB APNE AASHIQ/MEHBUBA SE TAKRAR HOTI H TABHI PYAR AUR PARWAN CHADTA h,AUR PYAR ME SB KUCH BHUL JATE H PREMI,
WO NHI DEKHTE KYA HOGA KYA NHI .
I LOVE U ALL
pyar ek pyara sa ahsas hai jo har waqt hamare sath pyar karne wale ki yad dilata rahata hai.
प्यार वो चिज है जो कभी तिजोरी मे नही रख सकते दिल मेरा धडके एहसास तुझे हो चोट तुझे लगे र्दद मुझे हो अगर र्दद तुझे हो तो आसू मेरे आये अगर आसू मेरे आये तो आसुऔ को तु मिटाये
ek dum badhiyaaaaaaaaaaaaaaaa
pyar do dilo ka meal hai, pyar ka sahi matlab ye hota hai hum jisse pyar karte hai uski khusi humare liye pehele hoti hai pyar ek khubhsurat saa ehsaas hai
बहुत अच्छा