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मेरा गीत

तेरी तस्वीर से बातें करता

तेरी तस्वीर से बातें करता रोज़ मैं
पास मेरे जो तेरी कोई तस्वीर होती
तुम्हें प्यार बेइंतिहाँ प्यार करता मैं
पास जो जानाँ मेरे आज तुम होती

देखो न! यह मेरी कैसी तक़दीर है
न तुम हो न तुम्हारी कोई तस्वीर है
दिन-रात तेरा ग़म ही ग़म है मुझे
सीने में साँसों की टूटी हुई ज़ंजीर है

तुमसे जुदा तो ख़ुद से जुदा रहता हूँ
सच्चे दिल से तुम्हें प्यार करता हूँ
न मर सकता हूँ मैं, न जी सकता हूँ
मैं तो सिर्फ़ तुम्हें ही चाह सकता हूँ

देखो न! यह कैसी मेरी तक़दीर है
न तुम हो न तुम्हारी कोई तस्वीर है

मैं तेरी चाहत रखता हूँ राहें तकता हूँ
थोड़ा सौदाई, थोड़ा दीवाना लगता हूँ
क़िस्मत की लकीरों में सिर्फ़ तुम हो
मैं रात और दिन तेरा नाम रटता हूँ

दिन-रात तेरा ग़म ही ग़म है मुझे
सीने में साँसों की टूटी हुई ज़ंजीर है


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: ०४ जून २००३

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

2 replies on “तेरी तस्वीर से बातें करता”

तेरी तस्वीर से बातें करता रोज़ मैं
पास मेरे जो तेरी कोई तस्वीर होती…

nice one…

recorded ip: 59.90.65.51

Country: India
State/Region: 36
City: Lakhnau

Just Comment… No spamming please…

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