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तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए

तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए
मैं दुआ करूँ अपने प्यार के लिए,

फिर देखें दुआ किसकी क़बूल होती है!


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००४

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

12 replies on “तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए”

तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए
मैं दुआ करूँ अपने प्यार के लिए,
“or hum dua krenge kee aapkee dua kabul ho jaye..”

Regards

बहोत खूब तिरही मारी है आपने … मेरी दुआ कुबूल होगी शर्त लगा सकता हूँ क्यूंकि इसमें दुआ करूँगा के आप दोनों की दुआ कुबूल हो .. आमीन ..
ढेरो बधाई …

@ अर्श साहब, जब ‘वह किसी और को’ और ‘मैं उसे चाहता हूँ’ तो दोनों की दुआ एक साथ कैसे क़ुबूल होगी, कहीं आप कुछ-कुछ होता है तो नहीं बना रहे… वैसे मेरी शादी नहीं हुई और उसकी हो गयी है!

‘नज़र’ साहेब
‘प्यार’ का शादी, किसी दूसरे को चाहना, मिलना वगैरह से ताल्लुक़ नहीं है।
आप जिस्मानी ‘प्यार’ की बात कर रहें हैं। जिस्म फ़ानी है जिसमें दोष भी होते हैं, लिकन
‘प्यार’ कभी दूषित नहीं होता – ठीक ख़ुदा या ईश्वर की तरह।
एक दूसरा पहलू भी है – ‘प्यार’ में निखार जब आता है जिसमें कुर्बानी, बलिदान का
जज़्बा शामिल हो जाए, और वो कुर्बानी जब होगी जब आपकी दुआ का अंदाज़ बदल जाएः
‘या ख़ुदा, हे ईश्वर! वह जहां भी रहे, जिस हाल में हो, ख़ुश रहे। उसका ‘प्यार’ आबाद
रहे।’ गौर से देखिए, दोनों की दुआ कुबूल हो जाएगी।

@महावीर साहब शुक्रिया, आपकी बात से सहमत हूँ पर एक तरफ़ा प्यार किसी मोड़ पर आकर ठहर गया है, ऐसा लिखने की कोशिश की है! जिस्मानी और रूहानी प्रेम का महत्व बराबर रखने की कोशिश रही है।

विनय साहब मैं ये दावे से कह सकता हूँ के वो आज भी आपको चाहती है चाहे जो भी हो ,मैं ये नही जनता, मगर जब और के साथ है औरअपने प्यार के लिए दुआ करे और आप उसके लिए दुआ करेंगे तो जाहिर के वो जिसके साथ है वो वहां से वो अपने प्यार के लिए (आपके लिए )ही दुआ करेगी ,मोहब्बत मिलन को ही नही कहते ,कुर्बानी में मोहब्बत का मज़ा जो है वो मिलन से कहीं बढ़ कर है …
हालाँकि मिलन और जुदाई ही तो दो दस्तूर-ऐ-मोहब्बत है एक तो मिलना ही है …

बस ये की हर किसी को मुक्कमल जहाँ नही मिलता विनय भाई…

अर्श जी आपने इतनी अच्छी तरह नेक ख़्याल मेरे सामने रखा कि दोस्त की सारी कमी पूरी हो गयी और महक जी को भी शुक्रिया!

HAM DUWA KAREGE KYOKI HAM JISKE LIYE DUWA KAREGE WO JINDAGI AUR MAUT SE LADH RAHI HAI, AUR WO JISKE LIYE DUWA KAREGI WO APNI CHAND SASO SE USKE LIYE DUWA KAR RAHA HAI, KYOKI HAADSE KE WAQT DONO SATH THE…

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