तुमको ज़िन्दगी की हर ख़ुशी मिले
तेरे लबों को मीठी-मीठी हँसी मिले
हर दिन तुम्हें बहार का दिन हो
कभी न तेरी आँखों को नमी मिले
तुम जो हो जैसी हो सबसे अच्छी हो
तुमको सबसे सच्ची दोस्ती मिले
फूल का खिलना है तुम्हारा हँसना
तुम्हें सदा सहर की ताज़गी मिले
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००५