यह कारवाँ किस जगह आ रुका है
ज़िन्दगी को हासिल नहीं मिल रहा है
हमने अब तक ऐसी मुहब्बत की है
शायद जिसमें शामिल नहीं दिल रहा है
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २०००-२००१
यह कारवाँ किस जगह आ रुका है
ज़िन्दगी को हासिल नहीं मिल रहा है
हमने अब तक ऐसी मुहब्बत की है
शायद जिसमें शामिल नहीं दिल रहा है
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २०००-२००१
One reply on “यह कारवाँ किस जगह आ रुका है”
umada,karavn ruka ruka sa hai,kuch saathi jod lenge,chal dega.