तुमसे चाहत है
तुमसे इबादत है
मुझे इश्क़ है तुमसे …
तुमको देखा तो जाना
प्यार क्या है ज़िन्दगी क्या है
तुमसे शुआ है
तुमसे फ़ज़िर है
फूल में महक है तुमसे …
तुमको देखा तो जाना
तमन्ना क्या है खा़हिश क्या है
तुमसे खु़शी है
तुमसे निबाह है
फ़रहत जवाँ है तुमसे…
तुमको देखा तो जाना
इल्म क्या है जन्म क्या है
और बहुत कुछ…
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: जून/२००३