कैसी फ़रियाद, कैसा नाला
हम क़ैसो-फ़रहाद नहीं
हम हैं ख़ुदा से, ख़ुदा हमसे
सिवाय इसके कुछ याद नहीं
शायिर: विनय प्रजापति ‘वफ़ा’
लेखन वर्ष: २००३
कैसी फ़रियाद, कैसा नाला
हम क़ैसो-फ़रहाद नहीं
हम हैं ख़ुदा से, ख़ुदा हमसे
सिवाय इसके कुछ याद नहीं
शायिर: विनय प्रजापति ‘वफ़ा’
लेखन वर्ष: २००३