दुनिया में जब तक जिए वफ़ा देखी
आख़िरश हमने उसकी शिफ़ा देखी
जितनी बार हमने उसे पलटके देखा
निगह में इक शिकन हर दफ़ा देखी
कल तलक जिसके दोस्त थे हम
चलो आज हमने उसकी जफ़ा देखी
उसने कुछ कहा तो बिगड़ के कहा
उससे रिश्ते में गिरह सफ़ा देखी
बड़ा सुकून है’ चैन है’ आज हमें
चलो यह इक यास तो बावफ़ा देखी
लानत मेरे’ इन्साँ होने पे जाये
अपनी तस्वीर हमने ख़फ़ा देखी
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’