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मेरी नज़्म

ऐसा पहले तो मैंने नहीं देखा उसे…

पहले भी उसे कई बार देखा है मैंने
कभी मुस्कुराते कभी इठलाते, दोस्तों में…

उसका चेहरा कभी यूँ तो ख़ामोश न था
जैसे मुझसे कुछ कहना चाह रहा हो,
या फिर मेरे चेहरे से कुछ ऐसा पढ़ लिया
जिसे उसने पहले कभी पढ़ा नहीं…

क्या बात थी, क्यों स्तब्ध था वो चेहरा
बिन कुछ कहे मुझसे इक अधूरी कहानी कह गया
या फिर उसके मन में मुझसे जुड़ी कोई पीड़ा थी
मैं जानता हूँ वो कभी कहेगा नहीं…

मगर फिर भी उसने कुछ तो कहा था
कुछ कोशिश की थी,
ऐसा पहले तो मैंने नहीं देखा उसे…


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००४

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

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