देखकर तुम्हें दिल में धड़कनों में
इक तूफ़ान-सा उठा, मोनालिसा
मैं शायर न था, तुमने बनाया
तो मैं बन गया, तेरा दीवाना
मोनालिसा… मोनालिसा…
आ जाओ तुम, कह दो तुम
प्यार है तुम्हें, मोनालिसा
इक़रार दो, मुझे प्यार दो
कह दो, प्यार है तुम्हें
मोनालिसा… मोनालिसा…
मैं देखता हूँ तुम्हें चाँद में
उसमें नज़र तुम आती हो
मोनालिसा… मोनालिसा…
मैं शायर न था तुमने बनाया
तो मैं बन गया तेरा दीवाना
मोनालिसा… मोनालिसा…
मेरे दिल में रहती हो तुम
मेरे जिस्मो-जाँ में हो तुम
मेरे दिल में रहती हो तुम
धड़कनों में बसती हो तुम
मोनालिसा… मोनालिसा…
आ जाओ तुम, कह दो तुम
प्यार है तुम्हें, मोनालिसा
इक़रार दो, मुझे प्यार दो
कह दो, प्यार है तुम्हें
मोनालिसा… मोनालिसा…
हवाओं में तुम्हारी आहट हैं
आँखों में सौंधी मुस्कुराहट हैं
मोनालिसा… मोनालिसा…
छू सकूँ तुम्हें, पा सकूँ तुम्हें
मेरे दिल की है तमन्ना यही..
मोनालिसा… मोनालिसा…
देख के तुम्हें दिल में धड़कनों में
इक तूफ़ान-सा उठा मोनालिसा
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२