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मेरा गीत

कुछ ऐसा ही होता है

ज़ोर से दिल धड़कता है (हाँ धड़कता है)
तूफ़ान साँसों में चलता है (हाँ चलता है)
आँखें ठहर जाती हैं
तस्वीरें गुज़र जाती हैं
जब प्यार किसी से होता है
कुछ ऐसा ही होता है…

दिल इक़रार करता है (हाँ डरता है)
पर इज़हार से डरता है (हाँ करता है)
बेचैन हो जाता है
सब कुछ बदल जाता है
जब प्यार किसी से होता है
कुछ ऐसा ही होता है…

अफ़सोस करता है (हाँ करता है)
तस्व्वुर को तरसता है (हाँ तरसता है)
वो सपनों में रोज़ मिलता है
जिस पर दिल फिसलता है
जब प्यार किसी से होता है
कुछ ऐसा ही होता है…

दीदार को दीवाना होता है (हाँ होता है)
इश्क़ आशिक़ाना होता है (हाँ होता है)
शमअ का परवाना होता है
तीरे-नज़र का निशाना होता है
जब प्यार किसी से होता है
कुछ ऐसा ही होता है…


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००३

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

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