इक लड़की है मुझसे वह अक्सर मिला करती है
खिलती कलियों-सी मुस्कुराती है परी लगती है
कहती है वह, एक लड़के से प्यार करती है
क्या मुझे भी किसी से प्यार है पूछा करती है
लगता है वह मुझसे इशारों में बातें करती है
जहाँ भी जाऊँ मेरे पीछे-पीछे वह आया करती है
इक लड़की है वह मुझसे अक्सर मिला करती है…
जब मैं नहीं मिलता हूँ मेरा इंतज़ार करती है
जब मैं आता हूँ तितलियों-सी मचलने लगती है
जब मैं उसके साथ होता हूँ मुझसे पूछती है
उससे कैसे कहे जिससे वह मोहब्बत करती है
इक लड़की है मुझसे वह अक्सर मिला करती है
खिलती कलियों-सी मुस्कुराती है परी लगती है
इक लड़की है वह मुझसे अक्सर मिला करती है…
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: १९९८-१९९९