नुकताचीं यह दिल मेरा
बहुत नादान है
तेरे बारे में सब जानता है
पर ख़ुद से अन्जान है
दिल की धड़कन है तू
तू मेरी जान है
तू बने हमसफ़र मेरा
यह दिल का अरमान है
हम मिलें हैं
इसमें किसी की रज़ा है
मिलके भी दूर रहते हैं
यह कैसी सज़ा है
तूने जो आँखों से कहा
मैंने वह सुन लिया है
तुन दोस्त हो मेरे
जीवन-साथी तुम्हें चुन लिया है
नुकताचीं यह दिल मेरा
बहुत नादान है
तेरे बारे में सब जानता है
पर ख़ुद से अन्जान है
देखें क्या सुनें क्या
और हम कहें क्या
प्यार तुमसे कब हो गया
यह पता ही ना चला
ख़ुशबू कलियों से कब चली
साँसों में कब जा घुली
इसका तो पता हमें
अब है चला तूने जब है कहा
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००२