male vocal:
तुमने जाना मगर समझा नहीं
तेरा दिल धड़का मगर तड़पा नहीं
मेरा दिल तेरा है पर तू मेरी नहीं
इन राहों में मेरे सिवा कोई नहीं
female vocal:
तुमने प्यार किया पर सँभाला नहीं
तुम हँसे तो मगर आँसू समझे नहीं
तुम्हारी आँखों में सदा सिलवट रही
मेरी हसरतों को तुम समझे नहीं
male vocal:
जैसे परवाना है शमा के लिए
वैसे ही मैं हूँ तेरी नफ़रतों के लिए
मैं क्या कर सकता हूँ,
जाँ दे सकता हूँ तेरे लिए…
male vocal:
तुमने जाना मगर समझा नहीं
तुमने देखा मगर देखा नहीं…
female vocal:
तुमने वादा किया पर निभाया नहीं
मैं तेरे लिए जिस्म थी
इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं
male vocal:
मैंने जो भी किया तुम उसे समझी नहीं
female vocal:
मैंने जो भी दिया उसका कोई एहसाँ नहीं
male vocal:
कच्ची लकीरों पर मैं चलता रहा
मुझको जो थाम ले कोई एक ऐसा नहीं
female vocal:
तुमने जाना मगर समझा नहीं
तुमने देखा मगर देखा नहीं
male vocal:
तेरा दिल धड़का मगर तड़पा नहीं
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२