तुम चाहती हो मुझे
या यह फ़रेब है
दिल की धड़कन
तुझे महसूस करती है
आँख तुझे देखती है
एक टुक अपलक
तेरे चेहरे की उमंग
मेरे दिल की तरंग है
जब भी तुम्हें उसके साथ देखता हूँ
जी जल जाता है
आँख रो उठती है
और मन भीग जाता है
तुम्हें अकेले देखता हूँ
तो लगता है
तुम्हारे इशारे बुलाते हैं
तुम मेरा ही इंतज़ार करती हो
तुम चाहती हो मुझे
या यह फ़रेब है…
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’