आप मुझसे प्यार न कीजिए
मुझे प्यार भरा दिल न दीजिए
मैं आपकी वफ़ा के क़ाबिल नहीं
मुझको बेवफ़ाई की सज़ा दीजिए
एक पल में कई सदियाँ जी होंगी
उन सदियों में मुझे जला दीजिए
कहते हैं सच्चा प्यार ख़ुदा है
प्यार बिना जीना मौत से बड़ी सज़ा है
मुझ बेवफ़ा को यह सज़ा दीजिए
आप मुझसे प्यार न कीजिए
मैं आपकी वफ़ा के क़ाबिल नहीं
मुझको बेवफ़ाई की सज़ा दीजिए
कई क़समें खायीं थीं मैंने
कई वादे किए थे
वह सारी क़समें वह वादे सभी
मैंने तोड़ दिए हैं
आपकी आँखों के अश्क सभी
मैंने निचोड़ लिए हैं
आप भी मेरा दिल तोड़ दीजिए
मुझको बेवफ़ाई की सज़ा दीजिए
न मुझसे एक शब्द कहिए
न मुझे कुछ कहने दीजिए
मुझको किरायेदार समझकर
अपने दिल से निकाल दीजिए
मैं आपकी वफ़ा के क़ाबिल नहीं
मुझको बेवफ़ाई की सज़ा दीजिए
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००२