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मेरा गीत

जो सपनों में आया

जो सपनों में आया
जिसने रातों को जगाया
मैं न जानूँ उसको
मैं न पहचानूँ उसको

वह सब से हसीं है
वह मेरी हमनशीं है
मैं क्या नाम दूँ उसको
दिल दे दिया जिसको

जो सपनो में आया
जिसने मेरा चैन चुराया
मैंने देखा न उसको
हूँ प्यार करता जिसको

वह मेरी नाज़नीं है
वह मेरी चाँदनी है
जाने कब मिलूँगा उसको
हूँ महसूस करता जिसको

जो सपनों में आया
जिसने मेरा दिल चुराया
उसकी ख़ुशबू साँसों में है
उसकी प्यार दिल में है

उसका मुझे नशा छाया है
जिसने दीवाना बनाया है
अब मुझे ज़रूरत है उसकी
दिल में मुहब्बत है जिसकी


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

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