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मेरा गीत

दीवाना मैं हूँ दीवाना

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना
दीवाना…

प्यार मैं तुझसे करता हूँ
यार मैं तुझपे मरता हूँ
कर ले चाहे कुछ भी ज़माना
दीवाना मैं हूँ दीवाना
परवाना, शमा पे जल जाऊँ
वह परवाना
मैं कर जाऊँ कुछ कर जाऊँ
ऐसा दीवाना…

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना…

जब तू चलती है ये हवा चलती है,
जब तू गुज़रती है ये हवा महकती है,
तेरी ही ख़ुशबू से फूलों में ख़ुशबू है,
तेरे ही हुस्न से चाँद में चाँदनी है

दीवाना जिसने कर दिया है
पागल मुझको कर दिया है
नींदों में ख़ाबों में
तू अब आने लगी है
साँसों में तू अब समाने लगी है

दूरी ये कैसी है आ मैं जान लूँ
अपनी बाँहों में आ तुझे थाम लूँ

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना…

प्यार मैं तुझसे करता हूँ
यार मैं तुझपे मरता हूँ
कर ले चाहे कुछ भी ज़माना
दीवाना मैं हूँ दीवाना
मस्ताना, तेरी मस्ती में
हूँ मस्ताना
मैं कर जाऊँ कुछ कर जाऊँ
ऐसा दीवाना…

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना…

आग ये कैसी लगायी है
मैं अब जलने लगा हूँ
रह-रह के यादों में तेरी
अब मचलने लगा हूँ
आ बाँहों में आ
न जा यूँ दूर न जा
प्यार मुझको ज़रा तू कर लेने दे
ख़ाबों से हक़ीक़त में उतर लेने दे

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना…

क्या करूँगा मैं जीकर तुम्हारे बिना
मर जाऊँगा मैं तुम्हारे बिना
अब ये तुझपे है तू आये न आये
तू जान के मुझे इतना क्यों सताये

दीवाना मैं हूँ दीवाना
दीवाना तेरा दीवाना…


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: २००१-२००२ 

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

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