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मेरा गीत

मैं उससे मोहब्बत करता था

मैं उससे मोहब्बत करता था
आज भी करता हूँ
काँच के दिल में जान भरता हूँ

मेरे ख़ाबों में मेरे सपनों में
उसकी ही चाहत है
वह जो है मेरी ज़िन्दगी है
मुझे चैन है राहत है

मैं तन्हा था अकेला था
आज उसके लिए जीता हूँ
आँखों से उसकी प्यार पीता हूँ

सपने हक़ीक़त हो गये हैं
दोनों इक जाँ हो गये हैं
निगाहों से नज़रों तक हम
एक-दूसरे में खो गये हैं

लम्हा यह लम्हा जी लिया है
जो दिल उसको दे दिया है

मैं उससे मोहब्बत करता था
आज भी करता हूँ…


शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: ०२ मई २००३

By Vinay Prajapati

Vinay Prajapati 'Nazar' is a Hindi-Urdu poet who belongs to city of tahzeeb Lucknow. By profession he is a fashion technocrat and alumni of India's premier fashion institute 'NIFT'.

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