मैंने तेरा नाम नहीं जाना
जाना तो जाना बस इतना जाना
प्यार में तेरे मैं हो गया दीवाना
पहली नज़र में होश गुम गया
दूसरी नज़र का हाल कैसे बताऊँ
दिल को आना था तुम पर आ गया
भला दिल को मैं कैसे समझाऊँ
पहले चरचे मेरी यारी के होते थे
अब मैं हो गया ख़ुद से बेग़ाना
मैंने तेरा नाम नहीं जाना
जाना तो जाना बस इतना जाना
प्यार में तेरे मैं हो गया दीवाना
आशिक़ी, उल्फ़त, प्यार, मोहब्बत
हमने तो बस यह नाम सुने थे
देखकर तुम्हें जाना लोग सच कहते थे
जो प्यार करता है ख़ुद से डरता है
शीरीं-फ़रहाद कब ज़माने से डरते थे
तेरे हुस्न की कटार दिल पर चली है
मिटकर रहेगा शमअ पर परवाना
मैंने तेरा नाम नहीं जाना
जाना तो जाना बस इतना जाना
प्यार में तेरे मैं हो गया दीवाना
दिल का हाल अजब हो गया है
उसका सितम ग़ज़ब हो गया है
यह इश्क़ अक़ीदत हो चला है
तुमसे प्यार मेरा रब हो गया है
दिल में लहू नहीं तेरा प्यार बहता है
यह दिल है तुम्हें चीरकर दिखलाना
मैंने तेरा नाम नहीं जाना
जाना तो जाना बस इतना जाना
प्यार में तेरे मैं हो गया दीवाना
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: ०३ मई २००३
2 replies on “मैंने तेरा नाम नहीं जाना”
dil wil pyar vyar mai kya janu re,
januki janu bas men tujhe apna janu re…
very close shot but ain’t fit to situation… may I know you?